तेजा दशमी - वीर तेजाजी महाराज का इतिहास

अदम्य साहस और वचनबद्धता के प्रतीक ,गोरक्षक वीर तेजाजी महाराज को बारंबार प्रणाम।

नमस्कार मित्रों। हमारी वेबसाइट Brahmand Tak में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों तेजा दशमी के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। तेजाजी महाराज की कृपा आप पर व आपके परिवार पर हमेशा बनी रहे। tejaji maharaj, teja dashmi, teja dashmi 2023, teja dashmi 2023 date, veer teja, teja jaat, leelan, tejaji maharaj ka itihas, tejaji ka ganw, teja dashmi date, veer teja jaat, tejaji maharaj jayanti, tejaji jayanti, tejaji ka janm kab hua, rajasthan ke lok devta, ramdevji, gogaji, pabuji, om banna, jaat pride, jaat king

वीर तेजाजी महाराज का इतिहास

राजस्थान का इतिहास बहुत सारी वीर गाथाओं और उदाहरणों से भरा पड़ा है जहाँ लोगों ने अपने जीवन और परिवारों को जोखिम में डाल दिया है और कर्तव्य, स्वतंत्रता, सच्चाई, सामाजिक सुधार  जैसे गौरव और मूल्यों को बरकरार रखा है। वीर तेजााजी  राजस्थान के इतिहास में इन प्रसिद्ध महापुरुषों में से एक थे। अदम्य साहस और वचनबद्धता के प्रतीक ,गोरक्षक वीर तेजाजी महाराज को बारंबार प्रणाम।

(इस बार तेजा दशमी  - 25 सितंबर 2023 )

वीर तेजाजी महाराज का जन्म विक्रम संवत 1243 माघ शुक्ल  चतुर्दशी को नागौर जिले के खरनाल में एक क्षत्रिय जाट वंश में हुआ । हालांकि दंत कथाओं में विक्रम संवत 1130 माघ शुक्ल चतुर्दशी प्रचलित है जो की पूरी तरह से गलत है। 18 फरवरी 2019 को वीर तेजाजी महाराज के भाट श्री बजरंग लाल जी द्वारा भक्तो के बीच वंशावली का वाचन हुआ तब यह सामने आया की उनका जन्म वर्ष विक्रम संवत 1243 था। tejaji maharaj jayanti


















उनके पिता का नाम ताहड़ देव था तथा माता का नाम रामकंवरी था। उनका विवाह मात्र 9 माह की आयु में पनेर के मुखिया की 6 माह की बेटी पेमल से हो गया था। किन्तु शादी के कुछ ही समय बाद उनके पिता और पेमल के मामा में कहासुनी हो गयी और तलवार चल गई जिसमें पेमल के मामा की मौत हो गई। इस कारण उनके विवाह की बात को उन्हें बताया नहीं गया था। एक बार तेजाजी को उनकी भाभी ने तानों के रूप में यह बात उनसे कह दी तब तानो से त्रस्त होकर अपनी पत्नी पेमल को लेने के लिए घोड़ी 'लीलण' पर सवार होकर अपने ससुराल पनेर गए। वहाँ किसी अज्ञान के कारण ससुराल पक्ष से उनकी अवज्ञा हो गई। नाराज तेजाजी वहाँ से वापस लौटने लगे तब पेमल से उनकी प्रथम भेंट उसकी सहेली लाछा गूजरी के यहाँ हुई। उसी रात लाछा गूजरी की गाएं मेर के मीणा चुरा ले गए। रास्ते में तेजाजी को एक साँप आग में जलता हुआ मिला तो उन्होंने उस साँप को बचा लिया किन्तु वह साँप जोड़े के बिछुड़ जाने के कारण अत्यधिक क्रोधित हुआ और उन्हें डसने लगा तब उन्होंने साँप को लौटते समय डस लेने का वचन दिया और ससुराल की ओर आगे बढ़े। लाछा की प्रार्थना पर वचनबद्ध हो कर तेजाजी ने मीणा लुटेरों से संघर्ष कर गाएं छुड़ाई। इस गौरक्षा युद्ध में तेजाजी अत्यधिक घायल हो गए। वापस आने पर वचन की पालना में साँप के बिल पर आए तथा पूरे शरीर पर घाव होने के कारण जीभ पर साँप से कटवाया। किशनगढ़ के पास सुरसरा में सर्पदंश से उनकी मृत्यु भाद्रपद शुक्ल दशमी संवत 1292 को हो गई तथा पेमल भी उनके साथ सती हो गई। उस साँप ने उनकी वचनबद्धता से प्रसन्न हो कर उन्हें वरदान दिया। इसी वरदान के कारण तेजाजी भी साँपों के देवता के रूप में पूज्य हुए। गाँव-गाँव में तेजाजी के देवरे या थान में उनकी तलवारधारी अश्वारोही मूर्ति के साथ नाग देवता की मूर्ति भी होती है। इन देवरो में साँप के काटने पर जहर चूस कर निकाला जाता है तथा तेजाजी की तांत बाँधी जाती है। तेजाजी के निर्वाण दिवस भाद्रपद शुक्ल दशमी को प्रतिवर्ष तेजादशमी के रूप में मनाया जाता है तथा नागौर जिले के परबतसर में पशु मेले का आयोजन होता है जो दशमी से पूर्णिमा तक चलता है।teja dashmi 





तेजाजी जाति व्यवस्था के प्रखर विरोधी थे। तेजाजी को न केवल राजस्थान में बल्कि गुजरात , हरियाणा , मध्य प्रदेश , उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में भी पूजा जाता है। राजस्थान के अजमेर जिले के हर गांव में तेजाजी के थान है। tejaji maharaj, teja dashmi, teja dashmi 2023, teja dashmi 2023 date, veer teja, teja jaat, leelan, tejaji maharaj ka itihas, tejaji ka ganw, teja dashmi date, veer teja jaat, tejaji maharaj jayanti, tejaji jayanti, tejaji ka janm kab hua, rajasthan ke lok devta, ramdevji, gogaji, pabuji, om banna, jaat pride, jaat king



9 comments

  1. Jai veer teja 🙏🙏🙏🙏
  2. Jai Teja Ji
  3. Legendary Veer Teja
    ASW
  4. Nice
  5. Harish
  6. jai rajputana 🚩🚩
  7. Good.ajay
  8. Ak hmh
  9. Jai ho veer tejaji Maharaj ki
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