Autopilot System In Aircraft। Brahmand Tak

यदि आपको ये पता चले कि जिस प्लेन में आप उड़ान भर रहे हो उसका पायलट सो गया या बेहोश हो गया है तो ये सुनकर शायद आप बेहोश हो जायेंगे मगर ऐसा कुछ नही है..
नमस्कार मित्रों। Brahmand Tak Blogs में आपका स्वागत है। आज मैं Autopilot System In Aircraft में आपको बताऊंगी की ऑटो पायलट सिस्टम क्या है इसका आविष्कार क्यों हुआ और यह क्यों जरूरी है।

आज में आपको बताऊंगी कि यदि पायलट बीच उड़ान में सो जाए तो क्या होगा। दोस्तों वैसे तो कोई ड्राइवर हो या पायलट हो , ड्राइविंग या फ्लाइंग के दौरान पूरे चौकन्ने रहते है मगर रास्ता लंबा हो तो गहरी थकान के कारण मामूली झपकी आना आम बात है। आपने भी कभी ड्राइविंग के दौरान झपकी आना महसूस किया होगा। लेकिन दोस्तो क्या आपने कभी सोचा है की किसी पायलट को झपकी आ जाए या बेहोश हो जाए या उसकी अचानक मौत हो जाए तो क्या होगा। अत्यधिक ऊंचाई पर एयर पॉकेट बनने की वजह से नींद आने का एहसास होने लगता है।

दोस्तो वैसे तो किसी भी फ्लाइट में एक से अधिक पायलट होते है अगर एक को झपकी आ जाए या बेहोश हो जाए तो दूसरा पायलट सब कुछ संभाल लेता है मगर दोस्तो अगर ऑक्सीजन की कमी के चलते दोनों पायलट और सभी यात्री गण बेहोश हो जाए या दोनो पायलट को कुछ हो जाए इस सिचुएशन में भी सभी यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकते है। जी हां टेक ऑफ करने के बाद 95% फ्लाइट्स ऑटो पायलट मोड पर चलती है । और ऐसे में बारी बारी से पायलट झपकी ले लेते है।

क्या है ऑटो पायलट ?

ऑटो पायलट एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से किसी एयरक्राफ्ट को बिना पायलट के कंट्रोल किए उड़ाया जा सकता है। यह टेक ऑफ और लैंडिंग के बीच लगभग फ्लाइंग पूरी कर सकता है। मुख्यतः यह एक अत्यधिक फास्ट कंप्यूटर है जो एयरक्राफ्ट की गति , ऊंचाई और तूफान जैसी इनफॉर्मेशन लेता है तथा उसके अनुसार एयरक्राफ्ट की कंट्रोल सर्फेसेस को उचित कमांड देकर एयरक्राफ्ट के  पिच , रोल  और यॉ मूवमेंट को कंट्रोल करता है। 
दरअसल टेक ऑफ से पहले पायलट इस कम्प्यूटिंग इंस्ट्रूमेंट में एयरक्राफ्ट के स्टार्टिंग प्वाइंट ,एंड प्वाइंट और रूट इनफॉर्मेशन डाल देता है। इन रूट पॉइंट्स की अपनी निश्चित हाइट और स्पीड होती है ।अतः इन पॉइंट्स के अनुसार ऑटो पायलट एयरक्राफ्ट की हाइट और स्पीड मेंटेन करता है।  
पुराने ऑटो पायलट सिस्टम केवल टेक ऑफ और लैंडिंग के बीच में ही फ्लाइंग को कंट्रोल कर सकते थे जबकि कुछ अत्याधुनिक हवाई जहाजों के ऑटो पायलट सिस्टम सुरक्षित लैंडिंग करने में भी सक्षम है। अतः यदि पायलट टेक ऑफ करके सो भी जाए तो वो अपने गंतव्य स्थान पर सोते सोते ही सुरक्षित पहुंच जाएगा। 
हालांकि Autopilot System In Aircraft कितना ही अत्याधुनिक और सुरक्षित सिस्टम क्यों ना हो कम से कम एक पायलट का पूरे सिस्टम और फ्लाइंग की निगरानी के लिए चौकस रहना जरूरी है। क्योंकि एक मशीन हमेशा इंसानों से अच्छा काम करती है मगर वह खराब भी हो सकती है।

तो दोस्तो उम्मीद करता हु ये आपको हमारी ये पोस्ट Autopilot System In Aircraft पसंद आयी होगी? अगर आपके मन में कुछ सवाल है तो कमेंट करके जरूर पूछिएगा। 

8 comments

  1. Shekhawati
  2. Nice
  3. Nice i am Ayush
  4. Harish
  5. mind blowing 🤯
  6. Good.ajay
  7. Ak hmh
  8. 😎😎😎😏
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